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हालिया थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव में तेंदुए को फर्राटा भरते देखकर बड़े-बड़े अफसरों के पसीने छूट गए। लखनऊ से आई वन विभाग की टीम भी खुले गांव में घूम रहे तेंदुए को पकड़ने में घंटों लगी रही। उसे पकड़ने में सफलता मंगलवार देर शाम मिल पाई। इससे इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली। तेंदुए के हमले में अब तक चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।मध्य प्रदेश के जंगलों से भटक कर आए तेंदुए से महेशपुर गांव के लोग दहशत में थे। लखनऊ से वन विभाग की आई टीम इसे पकड़ने में जुटी रही। देखते ही देखते तेंदुआ गांव के एक मकान में घुस गया। उसेचारों तरफ से घेरकर एक ओर से रास्ता खोल दिया गया।तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया गया है जिससे यदि तेंदुआ भागने की कोशिश करे तो पिंजरे में ही बंद हो जाए। देर शाम जब अंधेरा हो गया तो तेंदुआ बाहर निकला और उसे जाल में पकड़ लिया गया। जिले के मड़िहान, जमालपुर, ड्रमंडगंज में दो-तीन वर्ष के अंतराल पर तेंदुए के मिलने या पकड़े जाने के मामले सामने आते ही रहते हैं।मंगलवार को ड्रमंडगंज के महेशपुर में अमरनाथ के घर में जो तेंदुआ पकड़ा गया है, उसके बारे में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वह मध्य प्रदेश के रीवा की पहाड़ियों से आया होगा। वहां पर तेंदुए और बाघ दोनों ही पाए जाते हैं। जिले में हलिया, मड़िहान और सोनभद्र से सटे हुए जंगल में भालू और तेंदुए पाए जाते हैं। हालांकि यहां इनकी संख्या काफी कम है। आमतौर पर ये भटके हुए ही होते हैं, जो आसपास के जंगलों से चले आते हैं। इस बार आए तेंदुए के बारे में भी यही कयास लगाया जा रहा है कि भोजन और पानी की तलाश में यह भटक कर आवासीय इलाकों में आ गया होगा।महेशपुर में तेंदुए की जानकारी होने पर मिर्जापुर वन प्रभाग के डीएफओ डीएन सिंह और कैमूर वन प्रभाग के डीएफओ भारत लाल मौके पर पहुंच गए। तेंदुए को पकड़ने का पूरा ऑपरेशन उनकी देखरेख में चला।
स्रोत-https://www.bhaskar.com/news/UP-VAR-leopard-village-capture-attacks-injured-panic-team-forest-officials-tigers-4628388-PHO.html

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