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Publish Date:Mon, 23 Mar 2015 07:54 PM (IST) | http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-12193528.html

jagran 23दुद्धी (सोनभद्र) : कनहर सिंचाई परियोजना के विरोध में महीनों से कनहर-पांगन संगम तट पर धरनारत विस्थापितों व प्रशासन के बीच सोमवार की शाम एक बार फिर टकराव टल गया। प्रशासन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने सख्त रुख को थोड़ा नरम किया तो विस्थापितों ने भी शांतिपूर्ण ढंग से अपने कार्यक्रम को मंजिल तक पहुंचाया। सब कुछ सामान्य होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
दरअसल विस्थापितों ने शहीदेआजम सरदार भगत सिंह के शहादत दिवस पर धरना स्थल पर अपनी मांगों के समर्थन में बड़ी सभा आयोजित कर रखी थी। धरना-स्थल पर डूब क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों का जमावड़ा हुआ तो आयोजकों ने आम सहमति से अमवार बाजार तक जुलूस निकालने का फैसला किया। इसकी घोषणा होते ही प्रशासनिक खेमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में परियोजना स्थल की ओर आने वाले सभी मार्गो पर भारी पुलिस बल को तैनात कर कर दिया गया और आंदोलनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया।

धरना स्थल से जुलूस के रूप में निकले आंदोलनकारियों का नेतृत्व महिला बिग्रेड ने संभाल रखा था। पांगन नदी किनारे पुलिस कर्मियों ने किसी तरह आंदोलनकारियों को नए रास्ते से जुलूस ले जाने के लिए मनाया। इसके पश्चात आंदोलनकारी परियोजना और राज्य व केंद्र सरकारों के विरोध में नारेबाजी करते हुए बांध के किनारे से सुगवामान गांव होते हुए अमवार बाजार पहुंचे। वहां से जुलूस में शामिल लोग जब धरना स्थल पर जाने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र की ओर बढ़े तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हे अमवार बाजार में रोक दिया। इसे लेकर आंदोलनकारी व प्रशासनिक अधिकारी आमने-सामने आ गए। उनके मध्य कई चक्र की वार्ता के बाद शाम करीब पांच बजे किसी तरह बीच का रास्ता निकला। इसके बाद पुलिस ने बसों में भरकर कुछ आंदोलनकारियों को धरना स्थल पर भेजा जबकि कुछ ने प्रतिबंधित क्षेत्र में ही घुसकर शांति पूर्वक पैदल मार्च करते हुए प्रस्थान किया। इस मौके पर भाई महेशानंद, शुकालों, राजकुमारी, गंभीरा प्रसाद, फूलकुंवर, फनीश्वर जायसवाल, राम विचार, चंद्रमणि, शिव प्रसाद खरवार आदि लोग उपस्थित रहे।


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