Publish Date:Tue, 10 Mar 2015 07:06 PM (IST) | http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-12150508.html
दुद्धी (सोनभद्र) : क्षेत्र के जल, जंगल व जमीन पर सबसे पहला हक वनवासियों का है। उन्हें उससे अलग नहीं किया जा सकता। दमनकारी नीति अपनाकर सरकार ने यदि ग्रामीणों से उनके हक-ओ-हूकूक छीनने का प्रयास करेगी तो लोग इसका जबाव आंदोलन से देंगे।
यह बातें मंगलवार को कांति ज्योति सावित्रीबाई फूले की पुण्यतिथि के अवसर पर दुद्धी खेल मैदान में आयोजित राष्ट्रीय महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए रोमा व सुकालों समेत कई वक्ताओं ने गर्मजोशी के साथ कही।
कनहर परियोजना के विस्थापित ग्रामीणों के हक-ओ-हूकूक की बात करते हुए महिला संगठन की अगुवाई करने वाली रोमा ने कहा कि परियोजना पूरी तरह से गैर कानूनी है। एनजीटी की रोक के बावजूद वहां काम कराया जा रहा है। केंद्र सरकार के अध्यादेश के जरिए लागू भूमि अधिग्रहण कानून पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि उसे वापस लिया जाना चाहिए। इसके पूर्व कस्बे में विभिन्न संगठनों द्वारा शांति मार्च निकाला गया। तहसील मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए कनहर डूब क्षेत्र के सुन्दरी, कोरची, भीसूर, गोहडा़, सुगवामान आदि गांवों से भारी संख्या में महिलाएं, बच्चे व पुरुष करीब 22 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए जुलूस की शक्ल में पहुंचे।
कार्यक्रम के अंत में मंच पर आए उप जिलाधिकारी (कनहर) प्रेम प्रकाश अंजोर को विभिन्न संगठनों की ओर से तैयार किया गया मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
इस मौके पर राजकुमारी, प्रमिला, फूलकुंवर, कमला, पार्वती, गंभीरा प्रसाद, शिव प्रसाद, विनीता आदि मौजूद रहे।
सुरक्षा का तगड़ा रहा इंतजाम
दुद्धी : तहसील मुख्यालय पर आयोजित महिला सम्मेलन में डूब क्षेत्र के लोगों के प्रतिभाग करने की जानकारी मिलने के बाद सुबह से ही प्रशासनिक अमला सतर्क दिखा। इसके मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। परियोजना एसडीएम प्रेमप्रकाश अंजोर, सीओ देवेश शर्मा कोतवाली में बैठकर कार्यक्रम पर पैनी नजर रखे हुए थे। सर्किल के लगभग सभी थानों के एसओ, अतिरिक्त फोर्स व महिला कांस्टेबिल के अलावा भारी संख्या में पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था।