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ब्यूरो अमर उजाला, सोनभद् | 26th April, 2015 | http://www.amarujala.com/news/city/sonebhadra/knhr-why-replies-the-foundation-stone-of-the-three-times-intellect-hindi-news/

Knhr why replies : The foundation stone of the three times intellect

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने कहा कि कनहर परियोजना निर्माण के नाम पर विस्थापितों का हक मारा जा रहा है। पर्यावरण क्लीयरेंस के मसले पर एनजीटी के स्पष्ट आदेश के बावजूद बहानेबाजी की जा रही है।

अगर सब सही है तो आखिर कनहर परियोजना का तीन बार शिलान्यास क्यों किया गया? इसका जवाब संबंधितों को देना होगा। कनहर परियोजना का जायजा लेने के बाद शनिवार की रात वह कोरची में पत्रकारों से मुखातिब थीं।

प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय देश को उद्योगपति चला रहे हैं। उद्योगपतियों की निगाहें किसानों की जमीन पर है।

इस कारण सरकार नए-नए कानून लाकर किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव उद्योगपतियों को दिलाने की कोशिश में जुटी हुई है। कहा कि चाहे केंद्र हो या प्रदेश सरकार दोनों सरकारों को विस्थापितों से लेना-देना नहीं रह गया है।

कनहर को लेकर हुए संघर्ष के दौरान विस्थापितों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि वह इस मसले को सूबे के सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात कर उठाएंगी।

�किसी भी हाल में लाठी-बंदूक के दम पर विस्थापितों के हक को कुचलने नहीं दिया जाएगा। परियोजना के मौजूदा निर्माण कार्य को नियम विपरीत बताते हुए कहा कि पुनर्वास के नए प्रावधानों के मुताबिक नए सिरे से सर्वे और अधिग्रहण प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

इसके पर्यावरणीय प्रभाव के आकलन तक काम को रोका जाना चाहिए, लेकिन ऐसा न कर विस्थापितों को दबाया� जा रहा है। इस मौके पर लक्षन आचार्य पंाडेय, नंदलाल, महेशानंद, जामवंती, धनंजय कुमार, विनोद कुमार, मीरा सिंह, बी लाल आदि मौजूद रहे। �

 


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur