02 Jul 2015 | http://www.jagran.com/news/state-12547379.html
दुद्धी (सोनभद्र): छत्तीसगढ़ में गत तीन दिनों से हो रही बारिश का असर गुरुवार को दोपहर बाद कनहर ¨सचाई परियोजना स्थल पर देखने को मिला। दिन में करीब साढ़े बारह बजे अचानक कनहर व पांगन नदी का जलस्तर तीव्रगति से बढ़ने लगा। इससे परियोजना के बेसमेंट में काम कर रहे कर्मियों में हड़कंप मच गया। कुछ ही देरबाद बांध के नीचे काम कर रहे कर्मियों को भोजनावकाश के लिए छोड़ दिया गया। इस दौरान वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए।
परियोजना स्थल पर काम चल रहा था। इसी बीच नदी में पानी बढ़ने लगा। इस दौरान नीचे काम कर रहे श्रमिकों को निकालने के लिए डाइवर्जन के लिए अस्थाई रूप से निर्मित बांध पर पानी का दबाव बढ़ता देख मौके पर मौजूद अधीक्षण अभियंता एसएन यादव, अधिशासी अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव व सहायक अभियंता हेमंत कुमार वर्मा आदि सक्रिय हो गए। आनन-फानन में कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ बैठक कर अस्थाई तौर पर निर्मित रपटे को काटने का निर्णय लिया गया। इस दौरान पोकलैंड की मदद से तत्काल दो स्थानों पर दस से पंद्रह फीट रपटा काटकर पानी का दबाव कम किया गया। खतरा टलते ही बाहर आए कर्मियों को पोकलैंड के जरिए नदी पार कराकर बेसमेंट के काम को पुन: शुरू कराया गया। इंजीनियर विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दोपहर साढ़े बारह बजे जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलते ही वहां अलर्ट जारी कर दिया गया। बहाव की गति व जलस्तर वृद्धि का मापन करने के बाद नीचे काम कर रहे लोगों को पंद्रह- बीस मिनट पहले ही लंच की छुट्टी कर दी गई। अस्थाई रपटा को दो स्थान पर काटने के बाद जल दबाव को नियंत्रित किया गया। स्थिति सामान्य होने के बाद बेसमेंट का काम पुन: शुरू करा दिया गया। मिनट-मिनट का हिसाब
कनहर नदी में व्यापक स्तर पर उफान आने के पूर्व ¨सचाई महकमा व कार्यदायी संस्था अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई भी मिनट व्यर्थ गंवाने के मूड में नहीं है। इसका अंदाजा कनहर व पांगन नदी में गुरूवार को अचानक जल बहाव तेज होने के बाद वहां उपजे हालात के दौरान देखने को मिला। छत्तीसगढ़ में तैनात वाचर ने जैसे ही नदियों में जल स्तर बढ़ने की सूचना दी। वैसे ही एसी,इंजीनियर व सहायक अभियंताओं की टीम मुख्य बांध पर चल रहे तमाम गतिविधियों पर सर्तकता के साथ नजर रखनी शुरू कर दी। जैसे ही साढ़े बारह बजे उफनाती नदी की जलधार कनहर पांगन संगम को चूमती हुई मुख्य बांध की ओर बढ़ी वहां हलचल तेज हो गई। पंद्रह मिनट के अंदर मौजूद अधिकारियों ने लंच का ऐलान कर नीचे कार्य कर रहे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने का निर्देश जारी किया। इसके बाद रपटा कटवाकर अस्थाई बांध पर बढ़ते जल दबाव को नियंत्रित किया। एक घंटे में स्थिति सामान्य होते ही बाहर आए कर्मियों को पोकलैंड के जरिए नदी पार कराकर बेसमेंट में भेजने का सिलसिला शुरू हुआ। महज पंद्रह से बीस मिनट के अंदर सारे कर्मी वहां पहुंच काम को अंजाम तक पहुंचाने में जुट गए।
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