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16 Jul 2015 | http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-12606135.html

दुद्धी (सोनभद्र): छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश का कहर गुरुवार को बाढ़ के रूप में कनहर नदी में दिखा। इससे ¨सचाई परियोजना स्थल पर हड़कंप मच गया। दोपहर बाद अचानक अपने पूरे बेग में आई कनहर नदी के बाढ़ ने विकराल स्वरूप को देख ¨सचाई महकमे के साथ कार्यदाई संस्था के पसीने छूट गए। बारिश के दिनों में स्पिलवे निर्माण हेतु बनाई गई तमाम रणनीति पर इसी के साथ विराम लग गई। वही दूसरी ओर परियोजनास्थल पर बाढ़ आने की खबर लगते ही एसडीएम व तहसीलदार मौके पर पहुंच हालात का जायजा लिया। वहीं जान जोखिम में डालकर नदी से लकड़ी निकालने वालों सख्ती के लिए प्रशासनिक कवायद शुरू हो गई।

पिछले बाढ़ के ठीक एक सप्ताह बाद गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे के बाद कनहर की जलधारा अचानक उफान पर आ गई। पांगन तो अपने सामान्य रुप में बह रही थी। ¨कतु अकेले कनहर ने परियोजना स्थल के दोनो भींटों को देखते ही देखते एक कर दिया। गत सप्ताह आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त होने से बचे अस्थाई बांध के शेष बचे हिस्से भी देखते ही देखते जलसैलाब में डूब गए। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों का मानना है कि यह बाढ़ का अभी सेकेंड स्टेप है। र्फस्ट स्टेप का नजारा तो अभी आया ही नहीं है। वहीं दूसरी ओर कनहर ¨सचाई परियोजना व कार्यदाई संस्था के अधिकारियों ने नदी के इस स्वरूप को देख बीते दिनों बनाए अपने सभी रणनीति को कार्य रूप में लाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। उनका कहना है कि इससे सिवाय धनहानि के और कुछ भी हासिल नहीं हो पाएगा। बल्कि इस समय का सदुपयोग अन्य लंबित कार्यो को पूरा करने में लगाने की बात कही। एसडीएम व तहसीलदार ने हालात का लिया जायजा उपजिलाधिकारी गिरिजा शंकर ¨सह व तहसीलदार जितेंद्र कुमार को कनहर परियोजना स्थल पर बाढ़ आने की भनक लगते ही वे लाव लश्कर के साथ परियोजना स्थल पहुंचे। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से संबंधित महकमे के लोगो को कई दिशा निर्देश दिया। कहा कि इस हालात में किसी भी दशा में कार्य शुरू नहीं की जा सकती। जानजोखिम में डालकर निकालते हैं लकड़ी परियोजना स्थल पर कनहर की बाढ़ देखने के साथ एक और खतरनाक तस्वीर देखने को मिली। वहां जान जोखिम में डालकर महिला, पुरुष व बच्चे उफनाती जलधारा के बीच से लकड़ी निकालने में जुटे हुए थे। इस नजारा को देख ¨सचाई महकमे की हाथ पांव फूल रही थी। कारण यदि वहां कोई हादसा हुआ तो सीधे जिम्मेदार उनके कंधों पर थोप दी जाएगी। इससे बचने के लिए संबंधित महकमे के लोग परियोजना के लिए अधिकृत क्षेत्र में ऐसे लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजने की बात कही।


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