VENHF logo-mobile

http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-11894081.html

Publish Date:Sat, 20 Dec 2014 06:34 PM (IST) | Updated Date:Sat, 20 Dec 2014 06:34 PM (IST)

pictureदुद्धी (सोनभद्र) : छह अक्टूबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी के हाथों उद्घाटित कनहर सिंचाई परियोजना ने 38साल के दौरान कई उतार- चढ़ाव झेले। यही कारण है कि चार दशक का सफर तय करने की ओर अग्रसर इस परियोजना को लेकर क्षेत्रवासियों की पथराई आंखे एक बार फिर चमकने लगी हैं।

आलम यह कि शुरुआती लागत 28 करोड़ के सापेक्ष अब इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब सवा बाइस सौ करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि आसपास के राज्यों व केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद नाबार्ड द्वारा धन स्वीकृत कर लिए जाने के कारण अब लोगों को शत-प्रतिशत परियोजना पूर्ण होने की आस जाग चुकी है।

शासकीय लापरवाही की वजह से सैंतीस वर्षो से लंबित परियोजना युवावस्था की बार्डर लाइन पार करने की ओर अग्रसर है। परियोजना स्थल पर दो मुख्यमंत्री व एक सिंचाई मंत्री के नाम से शिलान्यास संबंधी शिलापट्ट भी लगे हुए हैं। क्षेत्रवासियों की आंखों में चार दशक पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने हरियाली के जो सपने जगाए थे, अखिलेश सरकार के नुमाइंदे उनके पूरे होने में अब तीन साल और लगने की बात बता रहे हैं। जनता को दिए इस आश्वासन में कितना दम है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा किंतु इन दिनों कनहर नदी में संगीनों के साए में गूंज रही मशीनों की गड़गड़ाहट व सरकारी मशीनरी की भाग- दौड़ देख लोगो में नई उम्मीद जागृत हो चुकी हैं। अब क्षेत्रवासियों को परियोजना स्थल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम का लोकार्पण का शिलापट्ट लगने का इंतजार हैं।

विस्थापन पर भी है फोकस कनहर सिंचाई परियोजना के लिए चिह्नित 1044 परिवारों को विस्थापन नीति से जुड़े नए शासनादेश के तहत विस्थापन पैकेज देने पर भी शासन का फोकस है। इसके लिए बाकायदे प्रशासक नियुक्त कर चिह्नित परिवारों की तीन पीढि़यों को विस्थापन पैकेज का लाभ देने के लिए राजस्व व सिंचाई महकमे की टीम दिन-रात मेहनत कर रही है। उप जिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय की मानें तो डूब क्षेत्र के विस्थापित होने वाले परिवारों द्वारा डाले गए आवेदन की जांच-परख करने के बाद शुक्रवार तक कुल 77 लोगों को नई विस्थापन नीति के तहत तीन करोड़ रुपये के चेक दिए जा चुके हैं। अन्य आवेदन पत्रों की तेजी से जांच की जा रही है। माह भर के अंदर पचास फीसदी से अधिक विस्थापित परिवारों को योजना का चेक दे दिया जाएगा।

विस्थापित संघ अपनी मांगों पर है अडिग

परियोजना के विस्थापित संघ से जुड़े लोगों का कहना हैं कि बगैर संतुष्ट किए परियोजना-निर्माण चल रहा है। प्रशासन उनकी मांगों के प्रति कत्तई गंभीर नही है। उनकी प्रमुख मांगों में डूब क्षेत्र के गांवों का नए सिरे से सर्वे कराना शामिल है जिसके प्रति प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं हैं। मनमाने ढंग से सूची बद्ध किए गए लोगों को लॉलीपाप देकर विस्थापन पैकेज का कोरम पूरा कर दिया गया है।


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur

Notice: SessionHandler::gc(): ps_files_cleanup_dir: opendir(/var/cpanel/php/sessions/ea-php82) failed: Permission denied (13) in /home4/vindhyab/public_html/libraries/vendor/joomla/session/src/Storage/NativeStorage.php on line 135