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Publish Date:Fri, 26 Dec 2014 07:47 PM (IST)

दुद्धी (सोनभद्र) : कनहर सिंचाई परियोजना से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों का पांगन नदी तट पर धरना चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। एक तरफ मंच से विस्थापित संघ के आक्रोशित वक्ता आंदोलन को गांधीवादी तरीके से गति देने की बात कहते हुए परियोजना का कार्य रोकने हेतु स्थगन आदेश मिलने की बात अपने भाषणों दुहराते रहे। इन सब के बीच प्रस्तावित मुख्य बांध की तलहटी में दर्जन भर से अधिक पोकलेन समेत भारी-भरकम मशीनें व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच गड़गड़ाती रहीं।

photographपांगन नदी तट पर महिलाओं व बच्चों संग जमे रहे विस्थापित : मुआवजे समेत अन्य मांगों के समर्थन में विस्थापितों की अनवरत जारी धरने को संबोधित करने वाले वक्ताओं का कहना था कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नही करती,तब तक उनका आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। वे अहिंसा पूर्वक आंदोलन में विश्वास रखते है। वही कुछ गंभीर वक्ताओं ने मंच के माध्यम से आंदोलन से जुड़े गरम दल के लोगो से अपील किया कि वे ऐसा कोई कार्य न करे,जिससे आंदोलन पर बुरा प्रभाव पड़े। वही शुक्रवार को भी परियोजना के फर्जी स्थगन आदेश के बाबत कई बार वक्ताओं द्वारा मंच से संबोधन किया गया।

अधिशासी अभियंता ने स्थगन आदेश की बात को बताया फर्जी : परियोजना के अधिशासी अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव ने बीते तीन दिनों से परियोजना को लेकर उड़ रही अफवाह को कोरा बकवास बताते हुए कहा कि कुछ तथाकथित लोगों द्वारा क्षेत्र के भोले-भाले ग्रामीणों को गुमराह करने के लिए इस तरह की अफवाह फैलाई गई है। उन्होंने कहा कि जिस प्रपत्र के आधार पर स्थगन की बात कही जा रही है, वह कनहर प्रोजेक्ट पर लागू नहीं होती। परियोजना का काम शुरू कराने के पूर्व ही केंद्रीय जल आयोग व पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा चुका है। इसके अलावा अफवाह फैलाने के लिए जिस आदेश का उल्लेख किया जा रहा है, उसमें कनहर प्रोजेक्ट का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है।

एडीएम व एएसपी की अगुवाई में मुस्तैद रही फोर्स : कनहर-पांगन नदी के संगम तट पर एक तरफ जहां विस्थापित माइक संभाले शासन प्रशासन की लानत-जलालत कर रहे थे, वही दूसरी ओर अपर जिलाधिकारी मनीलाल यादव,अपर पुलिस अधीक्षक रामयज्ञ, सीओ ओबरा प्रमोद यादव, कोतवाल कपिल देव यादव,अमवार चौकी इंचार्ज महावीर यादव के साथ अनपरा, कोन, पिपरी, म्योरपुर के थानाध्यक्ष समेत कई प्लाटून पीएसी के साथ दो दर्जन से अधिक महिला पुलिस कर्मी मौके पर तैनात रहे। इसके अलावा खुफिया विभाग की भी कई टीम ने डूब क्षेत्र के गांवों पर पैनी नजर जमा रखी है।


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